महात्मा बुद्ध के द्वारा बताये गए कुछ ऐसे वचन जो आज भी लोगो के लिए एक इंस्पिरेशन हे
महात्मा बुद्ध एक राज परिवार में जन्मे थे फिर भी उन्होंने ऋषि मुनियो का जीवन क्यों जीना चाहा आप सब के मन में ये विचार तो होगा ही तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे
गौतम बुद्ध के अनुसार तीन चीज़े हमारे जीवन में ऐसी हे जिन्हे कभी भी छुपकर नहीं रखा जा सकता और वो तीन चीज़े ये हे सूर्य,चन्द्रमा और सत्य ।
उनका विचार था की कोई भी मनुष्य जैसा सोचता हे वह वैसा ही बन जाता हे अगर कोई भी मनुष्य जिसकी सोच और कार्य बुरे हे तो वह अपने जीवन में केवल परेशानिया ही जेलेग। और यदि कोई व्यक्ति इसका उल्टा यानि अच्छे विचार रखता हे या अच्छे कार्य करता हे तो वह एक सुखी जीवन जीता हे और वही खुसी एक परछाई की तरह उसके साथ रहती हे।
महात्मा बुद्ध के अनुसार मनुष्य को जीवन में सभी सुख प्राप्त करने के लिए अपने मन पर सय्यम रखना होता हे यदि मनुष्य अपने मन पर ही सय्यम नहीं रख पाता तो वह जीवन में किसी भी चुनौती का सामना नहीं कर सक्ता हे।
बाजार दर्शन :-इसी बात को जन्नेद्र कुमार जो एक कवि हे उन्होंने अपनी कहानी में भी इसी बात का वर्णन किया हे की उनका एक मित्र उनके पास आता हे और कहता हे की आज म बाजार गया था मुझे जो चीज़ खरीदनी थी मेने उस चीज़ के आलावा ऐसी चीज़े खरीद ली जो मेरे लिए उपयोगी नहीं हे क्युकी बाजार को हम एक ऐसा जाल कह सकते हे जो हमारे मन को अपनी और आकर्षित करता हे यदि हम अपने मन पर सय्यम रखने लगेंगे तो हम उंपयोगी वस्तुए नहीं खरीदेंगे जिससे हम उसके आलावा उस वास्तु के पैसे को किसी और उससे बेहतर काम में उपयोग कर सकते हे और यही जेनद्र कुमार बताते हे की उनका दूसरा मित्र जो बाजार जाता हे वह बाजार से कहली हाथ घर आता हे ये देखकर उसके मित्र ने पूछा की तुमने बाजार से कोई वास्तु क्यों नहीं खरीदी तो इस पर उसके मित्र ने उत्तर दिया की अगर म एक बिना काम की वास्तु लेता तो दूसरी वास्तु रह जाती मतलब बाजार अपनी और आकर्षित कर रहा हे इससे जेनद्र कुमार कहते हे यदि हम भी हमारे मन पर सय्यम बनाये रखेंगे तो हम संसार की सारी खुसिया पा सकते हे
मोरल ऑफ़ स्टोरी :- मनुष्य को अपने मन पर सय्यम होना चाहिए और उसका प्रत्येक कार्य सत्य के साथ होना चाहिए जिससे जीवन को सरल बनाया जा सके।