बेस्ट प्रेरक प्रसंग 2022-23 | Best Prerak Prasang 2022-23
पुराने समय मे एक गांव था।जहा एक घर में चार दीपक जल रहे थे और वहां के वातावरण में एक शान्ति छाई हुई थी शान्ति भी ऐसी कि हम अपने दिल की धड़कन भी आसानी से सुन सकते थे |
पहले दीपक ने दुखी स्वर में बालक से कहा – “मैं शान्ति हूँ, मुझे कोई बनाए नहीं रखना चाहता है | मुझे बुझ जाना चाहिए |” और इतना कहने के बाद, दीपक बुझ गया
दूसरे दीपक ने बालक से कहा – “मैं विश्वास हूँ, अधिकांश लोग मुझे लम्बे समय तक कायम नहीं रख सकते हैंअगर लोग चाहते ही नही है की में लंबे समय तक रहु तो क्या फायदा मेरे जलते रहने का क्या महत्व है ?” इतने में हवा का एक झोका आया और उस दीपक की लो को बुझा दिया |
तीसरे दीपक ने निराश भरे स्वरो में बालक से कहा – “मैं ज्ञान हूँ, मुझमे अब जलने की ताकत ही नहीं बची है ” क्योंकि कुछ लोग मेरे महत्व को नहीं समझते। सभी मनुष्य बिना ज्ञान के पशु बनते जा रहे है उन सभी को ज्ञान का महत्व ही नहीं है।, इसलिए मुझे बुझ जाना चाहिए | निराशा की वजह से वह एक पल बिना प्रतीक्षा के वह भी बुझ गया |
तभी एक बालक ने उस घर में प्रवेश किया और उसने देख तीन दीपक नहीं जल रहे है |
उसने पुछा कि – तुम तीनों क्यों नहीं जल रहे हो जबकि तुम्हें तो आखिरी पल तक जलकर प्रकाश देना चाहिए | इतना कहकर वह बालक निराश होकर रोने लगा |
चौथा दीपक जो अभी तक जल रहा था उसने बालक का रोना देखा नही गया और उसने बालक से कहा – “ मेरे जलते रहने पर तुम्हे रोने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि मैं आशा का दीपक हूँ |” बालक की आँखों में चमक लौट आयी और उसने आशादीप से पुनः शेष तीनों दीपों को जला दिया |
Moral
‘आशा’ वह दीपक है जिससे शान्ति, विश्वास और ज्ञान को पुनर्जीवित कर सकता है | हमारे जीवन में आशा बनी रहनी चाहिए | इसके बल पर हम सम्पूर्ण मानवता के लिए आशादीप बन सकते हैं | मानवता पर ही संसार की आधारशिला है |
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