[ PDF ] क्रियात्मक अनुसंधान | Kriyatmak Anusandhan for B.ed / STC

प्रकरण का शीर्षक एवं उपशीर्षक

पृष्ठ संख्या

1. योजना का शीर्षक

1

2. योजना की पृष्ठभूमि

1-2

3. क्रियात्मक अनुसंधान के प्रायोगिक योजना

2

4. विद्यालय के लिए योजना का महत्व 

2-3

5. समस्या का विशिष्ट रूप 

3-4

6. समस्या के संभावित कारण 

4-6

7. क्रियात्मक परिकल्पना 

7

8. प्रथम क्रियात्मक परिकल्पना 

7-10

9. द्वितीय परिकल्पना की सार्थकता

11-12

10. मूल्यांकन

13-14

 

क्रियात्मक अनुसन्धान , kriyatmak anusandhan hindi

1. योजना का शीर्षक :-

कक्षा 5 के विद्यार्थियों द्वारा वर्तनी संबंधी त्रुटियां करना

2. अनुसंधानकर्ता का नाम :- 

3. कक्षा5 

4. योजना कार्य की पृष्ठभूमि :-

➤ कक्षा का ध्यानपूर्वक अवलोकन करने पर सामने आया कि कक्षा 5 के विद्यार्थी अंग्रेजी विषय की वर्तनी में बहुत अधिक त्रुटियां करते हैं शुद्ध उच्चारण करना बच्चों को नहीं आता है इस विषय पर अगर समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बहुत बड़ी समस्या बन सकता है समय रहते इस गलती को सुधारना चाहिए । 

➤ बच्चों को अंग्रेजी विषय कठिन लगता है , बच्चे कक्षा में रुचि लेकर नहीं पड़ते हैं इसलिए वह अंग्रेजी के शब्दों का सही ढंग से उच्चारण नहीं कर पाते हैं और उनके सीखने में कठिनाई जाती हैं इस कठिनाई का समाधान बारबार प्रयास करके किया जा सकता है

5. क्रियात्मक अनुसंधान की प्रायोगिक योजना का उद्देश्य :-

क्रियात्मक अनुसंधान के प्रायोगिक योजना के उद्देश्य निम्न है

1. बच्चों में अंग्रेजी विषय के प्रति रुचि उत्पन्न करना

2. अंग्रेजी विषय को रोचक बनाने का प्रयास करना

3. अंग्रेजी विषय में उनकी उपलब्धि स्तर को बढ़ावा देना

4. अंग्रेजी विषय में बच्चों को शुद्ध उच्चारण सिखाना

5. वर्तनी संबंधी त्रुटि को दूर करना 

6. विद्यार्थियों को व्याकरण का ज्ञान करवाना 

6. विद्यालय के लिए योजना का महत्व :-

➤ अंग्रेजी विषय का अध्ययन समस्त छात्रों के लिए पाठ्यक्रम की दृष्टि से तथा अंग्रेजी के वैश्विक प्रभाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण है

➤ अंग्रेजी में वर्तनी संबंधी त्रुटिओं के बारे में बच्चों को ज्ञान करवा कर उनका लेखन कार्य सुधारा जा सकता है तथा उन्हें अंग्रेजी का सही ज्ञान उचित शिक्षण विधियों के माध्यम से करवाया जा सकता है  

➤ विद्यार्थी का शिक्षा का स्तर से उच्च होगा तथा विद्यालय की स्थिति में भी सुधार होगा क्रियात्मक अनुसंधान कार्य प्रणाली के महत्व के पक्ष में निर्णय बातों पर ध्यान दिया गया है

  1. इसके माध्यम से विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास होगा
  2. इससे विद्यार्थियों की अंग्रेजी विषय में स्थिति मजबूत होगी
  3. बच्चों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होगा जो उनके भावी जीवन में बहुत उपयोगी होगा
  4. इस कार्यप्रणाली से बच्चों में गृह कार्य को समय पर करने की आदत का विकास होगा  
  5. इस प्रणाली के अनुसार बच्चों को अपना ग्रहकार्य समय पर करने की आदत का उसके अध्ययन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिससे उनके लिखने की गति बढ़ेगी लेखन में सुंदरता भी आएगी
  6. ऐसे विद्यार्थियों को किसी व्यक्ति के सामने अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते समय कोई कठिनाई नहीं आएगी  

7. समस्या का विशिष्ट रूप :-

➤ विद्यालय में कक्षा के छात्रों का अंग्रेजी के प्रथम क्लास में रुचि ना दिखाना अध्यापक को आते समय बच्चों के सामने देखने पर पता चलता है कि बच्चे अंग्रेजी विषय में पढ़ने में रुचि नहीं लेते हैं

➤ अंग्रेजी विषय में वर्तनी संबंधी त्रुटि या बहुत अधिक करते हैं , बच्चे अंग्रेजी विषय की किताबें पढ़ने में भी बहुत अधिक गलतियां करते हैं इस कारण इस समस्या को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि कक्षा 5 के छात्रों द्वारा अंग्रेजी विषय में वर्तनी संबंधी त्रुटियां करना  

8. समस्या के संभावित कारण :-

समस्या के संभावित कारणों एवं विश्लेषण को निम्नलिखित सारणी में दिखाया गया है समस्या के कारणों का विश्लेषण क्रियात्मक परिकल्पना को आधार प्रदान करते हैं

 

संभावित कारण 

साक्ष्य

तथ्य / अनुमान

शोधकर्ता का नियंत्रण

1. विद्यार्थियों की अंग्रेजी विषय में रुचि नहीं है।

छात्रों से पूछताछ करने से एवं अभिभावकों से पूछने पर पुष्टि करना ।

तथ्य / संयोग

शिक्षक के नियंत्रण में

2. शिक्षक द्वारा अंग्रेजी विषय का उचित अध्ययन विधियों से अध्यापन करवाना ।

छात्रों से पूछ कर व अवलोकन द्वारा

अनुमान / तथ्य

प्रधानाध्यापक के सहयोग व नियंत्रण में ।

3. शिक्षक द्वारा बच्चों की कॉपियां जाते समय ध्यान ना देना ।

कॉपियों का मूल्यांकन करने पर

प्रकृति

शिक्षक के नियंत्रण में

4. शिक्षक द्वारा कॉपियों में हुई त्रुटियों को छात्रों को उसी समय ना बताना ।

विद्यार्थियों की कॉपियां देखकर

तथ्य / संयोग

प्रधानाध्यापक जी के नियंत्रण में

5. शिक्षक द्वारा अतिरिक्त कक्षाएं ना लगाना ।

विद्यार्थियों से पूछ कर

तथ्य / संयोग

शिक्षक के नियंत्रण में

6. विद्यार्थियों के घरों में भी शैक्षिक वातावरण की कमी ।

स्वयं मूल्यांकन द्वारा पता लगाना

अनुमान

शिक्षक के नियंत्रण में

7. शिक्षक द्वारा अंग्रेजी व्याकरण की कक्षाएं ना लगाना आयोजित करना ।

कक्षा में उपस्थित होकर

अनुमान / तथ्य

शिक्षक के नियंत्रण में

8. विद्यार्थियों द्वारा पढ़ते समय लापरवाही करना , ध्यान ना देना

स्वयं मूल्यांकन द्वारा पता लगाना

प्रकृति

शिक्षक के नियंत्रण में

9. शिक्षक द्वारा पढ़ाते समय पूरी कक्षा पर ध्यान ना देना

कक्षा में उपस्थित होकर

तथ्य

शिक्षक के नियंत्रण में

10. शिक्षक द्वारा पढ़ाते समय बीच-बीच में छात्रों से प्रश्न ना पूछना

विद्यार्थियों से पूछ कर

प्रकृति / तथ्य

शिक्षक के नियंत्रण में

 


9. क्रियात्मक परिकल्पना :-

➤ क्रियात्मक अनुसंधान की परिकल्पना का प्रतिपादन कारणों के विश्लेषण के आधार पर किया गया है

➤ निम्नलिखित परिकल्पना जो अंग्रेजी के शिक्षक के नियंत्रण में है संभावित कारणों के आधार पर निर्मित है

➤ क्रियात्मक परिकल्पना प्रधानाध्यापक द्वारा या छात्रों से पूछ कर की जाती है

10. प्रथम क्रियात्मक परिकल्पना :-

➤ अंग्रेजी के शिक्षण के सभी छात्रों की कॉपियों की जांच शिक्षक नियमित रूप से ध्यान पूर्वक कम करें

➤ यदि विद्यार्थियों की कॉपियां जांचते समय शिक्षक बच्चों की वर्तनी संबंधी त्रुटिया उसी समय बता देगा तो बच्चे अगले कार्य को ध्यान पूर्वक करेंगे वह अगली बार गृह कार्य करते समय ध्यान रखेगा और धीरेधीरे उसकी त्रुटियों में कमी आएगी  

✮  प्रथम क्रियात्मक परिकल्पना की सार्थकता के लिए रूपरेखा :-


 

गतिविधियां

तकनीकी विधि

स्रोत

समय

1. विद्यार्थी कौनकौन सी गतिविधियां कर रहे हैं इसका पता लगाना चाहिए

प्रधानाध्यापक जी सर अवलोकन करेंगे

कॉपियां देखकर स्वयं उपस्थित होकर

1 से 2 दिन

2. विद्यार्थियों की कॉपियां समय पर जांचनी चाहिए

शिक्षक छात्रों की कॉपियां देखेंगे

कॉपियां देखने पर

3 से 4 दिन

3. कॉपियां देखते समय शिक्षक को पूरा ध्यान देना चाहिए

शिक्षक देखेगा कि गलती कहां कहां हो रही है

विद्यार्थियों से पूछताछ करके

1 से 3 दिन

4. व्याकरण से संबंधित अतिरिक्त कक्षाएं लगाना

बच्चों को अतिरिक्त समय विद्यालय से पूर्व बाद में बुलाकर

शिक्षकों से बातचीत करके

2 से 4 दिन

5. कॉपियां देखते समय पढ़ाते समय बच्चों के द्वारा की जाने वाली गलतियों को बच्चों को उसी समय पर बता देना

कॉपियां ध्यानपूर्वक देखकर 

विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ कर 

5 से 6 दिन

6. पढ़ाते समय बच्चों पर पूरा ध्यान रखना बीचबीच में घूमकर कक्षा का अवलोकन करना चाहिए

कक्षा में सतर्क रहकर पढ़ाना तथा बच्चों पर निगरानी रखना

कक्षा में उपस्थित होकर

3 से 4 दिन

7. पढ़ाते समय विद्यार्थियों से पाठ के बीच में प्रश्न पूछने चाहिए

कक्षा में बच्चों का ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करना 

विद्यार्थियों से पूछ कर 

3 से 4 दिन

8. शिक्षक को अंग्रेजी विषय शिक्षण को अधिक रुचिकर बनाने का प्रयास करना चाहिए

विषय को अधिक ध्यान रुचि उचित अध्ययन विधि के माध्यम से पढ़ाना

कक्षा में उपस्थित होकर 

7 दिन

9. विद्यार्थियों के अभिभावकों से कहकर उनके घर में भी शिक्षा का वातावरण बनाने की कोशिश करनी चाहिए

अभिभावकों से बातचीत करके 

विद्यार्थियों से पूछ कर 

3 से 4 दिन

10. शिक्षक द्वारा करवाया जाने वाला कक्षा शिक्षण कार्य विद्यार्थी केंद्रित होना चाहिए ना की शिक्षक केंद्रित

कक्षा में अनुशासन देखकर

कक्षा का अवलोकन करने पर

3 से 5 दिन

 

11. प्रथम परिकल्पना सार्थक नहीं :-

➤ प्रथम परिकल्पना की सार्थकता के लिए बनाए गए रूपरेखा का सफल क्रियान्वयन ना हो पाया

➤ अतः द्वितीय परिकल्पना का निर्माण किया गया जिसमें बनाई गई रूपरेखा का क्रियान्वयन सफल हो गया  

12. द्वितीय परिकल्पना की सार्थकता के लिए रूपरेखा :- 

✮  द्वितीय क्रियात्मक परिकल्पना की सार्थकता के लिए रूपरेखा

 

गतिविधियां

तकनीकी विधि

स्रोत

समय

1. विद्यार्थियों की कॉपियां हमेशा जांचने चाहिए

कॉपियां को अधिक ध्यान से जाचेंगे

कॉपियां देखकर स्वयं उपस्थित होकर

1 से 2 दिन

2. आधे समय में अंग्रेजी विषय आधे समय में व्याकरण का अध्ययन करवाना चाहिए

व्याकरण पर अधिक ध्यान देंगे

विद्यार्थियों से पूछताछ करके 

7 दिन

3. जो बच्चे अंग्रेजी में रुचि नहीं ले रहे हैं उन पर अधिक ध्यान देना चाहिए

कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान देकर अध्ययन करवाएंगे

कक्षा का अवलोकन करने पर

3 से 4 दिन

4. शिक्षक द्वारा अपने अध्यापन शैली में उचित परिवर्तन करना चाहिए वह उसे अधिक रुचिकर बनाने का प्रयास करना चाहिए

अपने अध्ययन शैली को रुचिकर बनाना हुआ आयु विषय के अनुसार शिक्षण विधि का चयन करना

विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ कर

1 से 2 दिन

5. जो छात्र वर्तनी में ज्यादा त्रुटियां करते हैं उन्हें अलग से अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर अध्ययन करवाना चाहिए

त्रुटियां करने वाले छात्रों पर अधिक ध्यान देना

कक्षा में उपस्थित होकर 

7 दिन

6. विद्यार्थी के मातापिता उसे समय मिलकर उनसे इसके बारे में बातचीत करें

मातापिता से मिलकर

स्वय मूल्यांकन करके

1 से 2 दिन

7. व्याकरण का अध्यन छोटीछोटी खंडों में बांट कर रुचि पूर्ण तरीके से अध्यापन करवाने का प्रयास करेंगे

व्याकरण पर अधिक ध्यान देंगे 

छात्रों से पूछ कर 

3 से 4 दिन

8. बच्चों की कॉपियों को पूरा ध्यान से जाचेगे तो उन्हें उचित सुझाव भी देंगे

कॉपियों की जांच पूरी ध्यान से करके

कापियां देखकर 

7 दिन

13. मूल्यांकन :-

➤ क्रियात्मक परिकल्पना के दृष्टिकोण के लिए शिक्षण पदों का संकलन करेगा , शिक्षक अनुमती सूची प्रश्नावली तथा पूछताछ की सहायता से पदों का संकलन करेगा जो बच्चे को वर्तनी संबंधी त्रुटियां करते समय उन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा तथा उनमें सुधार करने के लिए प्रयास किया जाएगा जिसमें बच्चे का शैक्षिक स्तर उच्च किया जा सके शिक्षण क्षेत्रों में अपने आगे अपने आप को आगे बढ़ा सके

➤ क्रियात्मक अनुसंधान के प्रथम द्वितीय परिकल्पना के आधार पर या अनुसंधान गतिविधियों से प्राप्त परिणामों के आधार पर परिकल्पना का परिश्रम वर्तनी संबंधी त्रुटियां कम करने में लगे हैं लेकिन अब भी कुछ बच्चे गलतियां कर रहे हैं गलतियों में सुधार की गति बहुत धीमी है लेकिन शिक्षकों द्वारा निरंतर सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है  

14. अनुसंधानकर्ता की टिप्पणी :-

क्रियात्मक अनुसंधान परिकल्पना के प्रस्तुतीकरण के कारण छात्रों में काफी सुधार हो रहा है , अधिकांश बच्चे अंग्रेजी में रुचि लेने लगे हैं जो उसके भविष्य के लिए अच्छा हो सकता है इस तरह बच्चे अपनी वर्तनी संबंधी त्रुटियां कम कर रहे हैं यह अच्छा संकेत है कि बच्चों के अंग्रेजी विषय में रुचि बढ़ रही है जो उनकी उन्नति में काफी सहायक सिद्ध होगी क्योंकि आजकल अंग्रेजी का चलन बहुत ज्यादा है अंग्रेजी भाषा पिछले कई वर्षों से वैश्विक भाषा के रूप में उभर कर आई है अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उन्हें भारत विश्व में अन्य जगह नौकरियां रोजगार करने में अधिक उपयोगी साबित होगा

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20. पाठ्यपुस्तक विश्लेषण

क्रियात्मक अनुसंधान Pdf Download in Hindi

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क्रियात्मक अनुसंधान की शुरुआत :-

क्रियात्मक अनुसंधान की शुरुआत अमेरिका में हुई थी इस क्रियात्मक अनुसंधान का क्रियात्मक अनुसंधान का जनक और इसके शिक्षा में प्रयोग स्टीफन एम. कोरे ने किया था ।

क्रियात्मक अनुसंधान का अर्थ एवं परिभाषा :-

क्रियात्मक अनुसंधान का सामान्य अर्थ है विद्यालय से संबंधित व्यक्तियों द्वारा अपनी और विद्यालय की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपने क्रियाओं और विद्यालय की गतिविधियों में सुधार करना ।

क्रियात्मक अनुसंधान के प्रकार :-

1. प्रयोगात्मक क्रियात्मक अनुसंधान – अध्ययन की परिस्थितियों को पूर्ण तरह नियंत्रित करके निष्कर्ष निकालना ।
2. अनुभव क्रियात्मक अनुसंधान – अनुभव के आधार पर निष्कर्ष निकालना ।
3. निदानात्मक क्रियात्मक अनुसंधान – दैनिक समस्याओं को आधार बनाकर निष्कर्ष निकालना ।
4. सहभागी क्रियात्मक अनुसंधान – सभी सहभागी लोगों के योगदान के आधार पर निष्कर्ष ।

शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान की आवश्यकता :-

शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्मक अनुसंधान को अपनाकर कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है जैसे – बालकों से जुड़ी समस्याएं जैसे गृहकार्य ना करना, विद्यालय ना आना या देर से आना, भाग जाना, विद्यालय की संपत्ति को हानि पहुंचाना, कक्षा में शोर मचाना, शरारत करना, एक दूसरे से लड़ना-झगड़ना मारपीट करना, परीक्षा और शिक्षा से संबंधित समस्याएं जैसे- वास्तविक मूल्यांकन नहीं हो पाना, क्रियात्मक परीक्षणों का निर्माण व प्रयोग ना किया जाना, विद्यालय से जुड़ी कई समस्याएं जैसे शिक्षकों का शिक्षण के प्रति उदासीन व उत्साह और  प्रतिभाशाली विद्यार्थियों व उनकी प्रतिभा का सही से विकास नहीं पाना व विद्यालय में कई समस्याएं जैसे पर्याप्त कक्षा कक्ष का अभाव, स्थान व फर्नीचर का अभाव, वाचनालय और प्रयोगशाला का अभाव आदि अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान क्रियात्मक अनुसंधान का प्रयोग करके किया जा सकता है ।

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