Latest Reet Update – 3 February 2022
➤ जालोर-सिरोही और बाड़मेर में कैंसिल हो सकता है REET पेपर: पेपर लीक का मुख्य केंद्र मानते हुए लिया जा सकता है फैसला, SOG ने किया फोकस
REET पेपर जयपुर के शिक्षा संकुल से निकल कर जालोर, बाड़मेर, सांचौर व जोधपुर तक पहुंच चुका था। एसओजी तीनों ही जिलों में पेपर बेचने और खरीदने वालों की सूची बना ली है। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा रीट पेपर यहीं पर पहुंचा था, इसलिए जालोर, बाड़मेर व जोधपुर के परीक्षार्थियों पर तलवार लटक सकती है। इन तीन जिलों को पेपर लीक का मुख्य केंद्र मानते हुए पेपर कैंसिल हो सकता है। यहां के परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक एसओजी जल्द ही REET पेपर लीक प्रकरण की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसमें तीन जिलों में पेपर रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। हालांकि यह तय नहीं है कि पूरे जिले की परीक्षा रद्द होगी या इन जिलों के कुछ सेंटर्स की।
एसओजी की टीम तीनों ही जिलाें में ऐसे परीक्षार्थियों की तलाश में जुट गई है। एसओजी के एक्टिव होने से जालोर व बाड़मेर से आरोपी फरार हो चुके हैं। जालोर से ई-मित्र संचालक को पहले ही एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
एडीजी एसओजी अशोक राठौड़ का कहना है कि रीट पेपर लीक से जुड़ा कोई भी व्यक्ति हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने शनिवार को जालोर, सिरोही व बाड़मेर के पुलिस अधिकारियों से सांचौर में मुलाकात की थी। उन्होंने रीट पेपर से जुड़े लोगों के बारे में जांच पड़ताल की। एसओजी ने अब पूरा फोकस जालोर, बाड़मेर में कर रखा है।
राजीव गांधी सर्किल से जुड़े रामकृपाल मीणा और सुनीता पचौरी के कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। टोंक और अलवर के दो कॉलेजों को बोर्ड और आरपीएससी से बाहर होने के बावजूद परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
शिक्षा निदेशालय ने सांचौर के लेचरर उदयराम बिश्नोई,जालोर के लेक्चरर चुन्नीलाल बिश्नोई, शैतान सिंह, छतरराम पुरोहित व बाड़मेर के भजनलाल को शनिवार देर रात सस्पेंड कर दिया था। ये सभी एसओजी के रडार पर हैं। एसओजी अब पेपर लीक में फरार आरोपियों की प्रॉपर्टी जब्त करने की तैयारी कर रही है। रीट पेपर लीक में नाम सामने आने पर फरार लोगों के परिजनों से पूछताछ होगी।
अब नया नाम आया सामने
REET पेपर लीक में जालोर स्थित कूकावास के राजू बिश्नोई का भी नाम सामने आया है। राजू ने शनिवार को वॉट्सऐप पर मैसेज लिखा था कि मुझे रीट भर्ती मामले में फंसाया जा रहा है। मेरा एनकाउंटर करने की भी तैयारी हो रही है। जयपुर में मुख्य सरगना को छोड़ कर सांचौर को टारगेट किया जा रहा है।
➤ रीट पेपर लीक में बड़ा खुलासा: शिक्षा संकुल से सब ट्रेजरी को भेजने के दौरान ही गायब कर दिया गया था पेपर
शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम तक पहुंच गया बाहरी रामकृपाल, फिर फोल्डर से पेपर ही निकाल ले गया
रीट पेपर 24 सितंबर काे शिक्षा संकुल स्थित स्ट्रांग रूम से जिले की सब ट्रेजरी में भेजते समय मास्टर माइंड रामकृपाल मीणा ने आउट किया था। पेपर लीक जयपुर काेऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर व डीईओ रविंद्र फाैजदार की मौजूदगी में रामकृपाल ने किया था। दरअसल, स्ट्रांग रूम में 2 लाॅक थे, 1 चाबी डिप्टी कोऑेर्डिनेटर बीएस बैरवा व दूसरी डीईओ रविंद्र फाैजदार के पास थी। पाराशर ने लॉक खुलवाकर बैरवा को दूसरे काम से भेज दिया था।
इसके बाद रामकृपाल ने पेपर निकाले। एसओजी पाराशर काे गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही लापरवाही बरतने पर बैरवा सस्पेंड हैं। डीईओ फौजदार काे एसओजी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लंबी पूछताछ के बाद एसओजी टीम दाे दिन पहले डीईओ ऑफिस भी पहुंची थी। इधर, डीईओ फौजदार ने एसओजी काे बताया है कि उसका स्ट्रॉन्ग रूम से काेई लेना देना नहीं है। उसकी जिम्मा सिर्फ परीक्षा आयाेजित करना था। वह रामकृपाल काे भी नहीं जानता। जांच में सामने आया था कि पेपर सांचाैर व बाड़मेर के कुछ अभ्यर्थियों के पास पहुंचा था, कुछ संदिग्ध भी पकड़े गए हैं। इसलिए एडीजी अशोक राठाैड़ शनिवार काे सांचाैर व बाड़मेर जाएंगे।
3 दृश्यों से समझें- कैसे 16 लाख परीक्षार्थियों से किया गया धोखा
1. पाराशर ने बैरवा, डीईओ से स्ट्रॉन्ग रूम खुलवाया
24 सितंबर काे काेऑर्डिनेटर पाराशर ने बैरवा व डीईओ काे बुलाया और दाेनों लाॅक खुलवाए।
2. फिर बैरवा को अन्य काम से दूर भेज दिया
इसके बाद कोऑर्डिनेटर पाराशर ने बीएस बैरवा काे वहां से अन्य काम के लिए भेज दिया।
3. रामकृपाल ने लोडिंग के समय कटर से फोल्डर काटकर पेपर निकाल लिया
पाराशर व डीईओ सब ट्रेजरी भेजने के लिए पेपर गाड़ियों में भरवाने लगे। इस दौरान रामकृपाल ने लिफाफे से रीट के मूल पेपर निकाले और लिफाफे को फिर से चिपकाकर भेज दिया।
…और जो इन दृश्यों में नहीं दिख रहा
पेपर किसके कहने पर शिक्षा संकुल में रखे गए, जबकि सभी पेपर ट्रेजरी में रखे जाते हैं?
डीपी जारौली ने कहा था, लीक में राजनीतिक संरक्षण है। वह संरक्षक कौन है?
काेचिंग संचालक रामकृपाल स्ट्रांग रूम तक कैसे पहुंचा, जबकि उसके पास पेपर संबंधी काेई जिम्मेदारी नहीं थी।
उदाराम सस्पेंड, बर्खास्तगी की तैयारी; 3 शिक्षक भूमिगत
जालोर में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने शुक्रवार को पेपर लीक के आरोपी लेक्चरर उदाराम विश्नाेई को सस्पेंड कर दिया। वहीं, तीन अनुपस्थित शिक्षक एसओजी रडार पर हैं। इनमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरांचद के लेक्चरर शैतानसिंह राजपूत, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राह के चुन्नीलाल विश्नाेई व राउप्रावि धर्माणियों की ढाणी फागोतरा के प्रबोधक छतराराम पुरोहित शामिल हैं। एसओजी ने निदेशक से इनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा है।
➤ संसद में गूंजा REET पेपर लीक विवाद: राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और हनुमान बेनीवाल ने उठाया मुद्दा, बेनीवाल बोले- परीक्षा रद्द कर CBI से कराएं जांच
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और हनुमान बेनीवाल ने संसद में उठाया रीट परीक्षा में धांधली का मुद्दा।
रीट विवाद की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। लोकसभा में आज रीट नकल विवाद का मुद्दा गूंजा। जयपुर ग्रामीण से बीजेपी सासंद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और नागौर सासंद हनुमान बेनीवाल ने आज लोकसभा में रीट में हुई नकल और धांधलियों का मुद्दा उठाया। हनुमान बेनीवाल ने रीट को रद्द कर गड़बड़ियों की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की।
लोकसभा में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने रीट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजस्थान में बहुत बड़ा भर्ती घोटाला हुआ है। 2017 के बाद चार साल के बाद रीट की परीक्षा हुई। चार साल से युवा नौकरी का इंतजार कर रहे थे, लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया। रीट में भारी धांधली हुई है, पेपर लीक हुआ है, सामूहिक नकल हुई, ये सारी शिकायतें पुलिस और प्रशासन तक उम्मीदवारों ने पहुंचाईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बेनीवाल बोले- रीट रद्द कर धांधलियों की हो सीबीआई जांच
लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान का युवा आंदोलित है। रीट के एग्जाम में भारी धांधली हुई है, हम चाहते हैं कि रीट रद्द हो और इसकी धांधलियों की सीबीआई जांच हो। लोकसभा में मामला उठाने के बाद बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रीट के मामले में जब एसओजी यह मान चुकी है शिक्षा संकुल से पेपर चोरी किया गया। इससे जाहिर है कि मामले के तार कई आईएएस अफसरों, सरकार में बैठे जिम्मेदारों और सीएमओ तक जुड़े थे। इसकी सीबीआई जांच जरूरी है।
रीट पर सियासत तेज
रीट की धांधिलयों पर राजधानी जयपुर में भी सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। बीजेपी के अलग-अलग विंग प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। अब लोकसभा में भी यह मामला बीजेपी सांसद लगातार उठा सकते हैं। बीजेपी की रणनीति रीट के मुद्दे परद गहलोत सरकार को जयपुर से लेकर दिल्ली तक घेरने की है। 9 फरवरी को राजस्थन विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो रहा है, बजट सत्र में भी बीजेपी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है।
➤ REET रद्द होगी या नहीं, सुनवाई 8 फरवरी को!: परीक्षा में धांधली को लेकर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका, हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
विवादों में घिरी REET-2021 को लेकर 8 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने रीट पर रोक लगाने की मांग की है। उधर, राजस्थान सरकार ने 32 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए 9 फरवरी तक आवेदन मांगे हैं। पेपर लीक में SOG जांच, भर्ती प्रक्रिया और अदालत में सुनवाई के बीच शिक्षक की नौकरी का सपना देख रहे लाखों युवा परेशान हैं। रीट के रद्द होने या फिर भर्ती लटकने की आशंका है।
दरअसल, रीट भर्ती प्रक्रिया को रद्दकर सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता भागचंद शर्मा राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच पहुंचे हैं।
अलग-अलग मांग को लेकर इस सिलसिले में अब तक तीन याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। जस्टिस महेंद्र गोयल की खंडपीठ अब 8 फरवरी को इन सभी पर एक साथ सुनवाई करेगी। भागचंद ने कहा कि एसओजी ने रीट पेपर लीक माना है। इसके बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली समेत आला अधिकारियों को बर्खास्त किया। ऐसे में भर्ती परीक्षा भी रद्द की जानी चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकेगा।
दो याचिकाओं में मांग- भर्ती प्रक्रिया पर लगे रोक
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि राज्य सरकार की जांच एजेंसी SOG खुद मान चुकी है कि पेपर शिक्षा संकुल से चोरी हुआ था। पेपर करोड़ों रुपए में बेचा गया था। ऐसे में भर्ती परीक्षा को रद्द करना चाहिए और जांच पूरी होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर भी रोक लगानी चाहिए। क्योंकि अगर नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो परीक्षा में अपात्रों को नियुक्ति मिल जाएगी और योग्य अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे।
तीसरी याचिका में पूरी भर्ती परीक्षा रद्द न करने की अपील
दूसरी तरफ हाईकोर्ट में अमरचंद मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कोर्ट पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हंसराज निम्बड़ ने बताया कि लेवल फर्स्ट का पेपर लीक नहीं हुआ था। एसओजी ने भी यह माना है कि पेपर लेवल-2 का ही लीक हुआ है। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द नहीं करने के साथ-साथ लेवल 1 की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाए।
तीनों पर एक साथ सुनवाई करेगी अदालत
सबसे पहले 28 जनवरी को छात्र भागचंद ने रीट भर्ती परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही एडवोकेट राम प्रताप सैनी ने भी रिजल्ट रोकने की याचिका लगाई। इसके बाद 31 जनवरी को अमर चंद मीणा रीट लेवल वन का परिणाम जारी करने की मांग को लेकर अदालत पहुंच गए। अब गुरुवार को इन तीनों याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय की गई है।
राज्य सरकार ने नहीं माना लीक
पेपर लीक प्रकरण पर होने वाली सुनवाई से पहले हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अदालत में जवाब पेश किया है। इसमें राज्य सरकार ने माना कि पेपर भले ही परीक्षा से पहले बाहर आ गया था, लेकिन इसे लीक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। वहीं, दूसरी ओर SOG ने अपनी जांच में पेपर को लीक मान रही है। ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को 8 फरवरी का इंतजार है।
बता दें कि रीट का रिजल्ट सिर्फ 36 दिन के अंदर जारी कर दिया गया था। परीक्षा के लिए इस बार 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें बोर्ड ने 11 लाख चार हजार 216 को पात्र घोषित किया है। लेवल-1 के लिए 3 लाख तीन हजार 604 और लेवल-2 के लिए 7 लाख 73 हजार 612 को पात्र घोषित हैं। इनमें से मेरिट के आधार पर 32 हजार शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। इस बीच भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है।
➤ शिक्षक भर्ती: रीट में बीए एडिशनल इंग्लिश डिग्रीधारियों को शामिल करने की मांग, मंत्रियों को बताई पीड़ा
रीट 2021 शिक्षक भर्ती में बीए एडिशनल इंग्लिश डिग्रीधारियों को शामिल करने के लिए टीएसपी के अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला और जनजाति मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया से जयपुर सचिवालय में मुलाकात की। ज्ञापन के जरिए दोनों मंत्रियों को बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित समकक्षता समिति की रिपोर्ट में एडीशनल डिग्रीधारियों को स्पस्ट रूप से इन अभ्यर्थियों को पात्र माना गया है।
हाल ही में सरकार ने डीपीसी में एडिशनल को पात्र माना है। रीट 2016 व 2018 में इन डिग्री धारियों को उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार नियुक्ति आदेश दिए। अब इस 2021 में इन डिग्री धारियों को सरकार ने अपात्र माना है। मंत्री को ज्ञापन देकर इसमें समीलित करने के लिए टीएसपी प्रतिनिधि संगठन ने मांग की है। ज्ञापन देने वाले में इश्वरलाल डामोर, सूरजमल, शंकरसिंह, रावजी डोडियार, रोशन डोडियार, कमलेश खड़िया, गौरीशंकर करणीय, विवेक, राजकुमार बरजोड़ समेत कई अभ्यर्थी मौजूद रहे।
पटवारी भर्ती के परिणाम में अनियमितता, सौंपा ज्ञापन पटवारी भर्ती परिणाम में चौथी शिफ्ट में पेपर देने वालों के साथ अन्याय का आराेप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने बोर्ड अध्यक्ष को पत्र लिखकर समाधान की मांग की है। पत्र में बताया कि 23 और 24 अक्टूबर 2021 को पटवार भर्ती परीक्षा के 2 माह बाद 13 दिसंबर को अचानक नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी, जो पटवार नोटिफिकेशन और मूल शर्तों को पूरा नहीं करता है।
25 जनवरी 2022 को नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के द्वारा जारी परिणाम शिफ्ट वाइज चयन में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। चारों शिफ्टों में लगभग बराबर 2.5 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, लेकिन शिफ्ट अनुसार 3922, 3451, 2474, 1485 का चयन किया गया। प्रथम शिफ्ट में सबसे कम 2.51 लाख अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी लेकिन सबसे अधिक 35% अभ्यर्थियों का चयन हुआ। ठीक इसके विपरीत चौथी शिफ्ट में सर्वाधिक 2.66 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, लेकिन चयन सबसे कम 13% का ही हुआ। इससे पटवार भर्ती की चयन प्रक्रिया पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लग रहा है। अभ्यर्थियों ने पटवार भर्ती परिणाम को फिर से जांच कर जारी करने की मांग की है।
➤ अब REET लेवल-1 में भी धांधली!: एक अभ्यर्थी ने भरे 6 आवेदन, बोर्ड ने सभी पर जारी किए प्रवेश-पत्र; जांच में जुटी SOG
REET भर्ती परीक्षा में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। लेवल-2 के बाद अब लेवल-1 में बड़ी धांधली सामने आई है। जोधपुर के बालकिशन नाम के अभ्यर्थी ने लेवल-1 के लिए 6 आवेदन किए थे। सभी को सही मानते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बालकिशन को 6 प्रवेश पत्र जारी कर दिए थे। अब इस पूरी प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बालकिशन ने लेवल-1 में खुद के ग्रेजुएट होने की जानकारी दी है, जबकि लेवल-2 में खुद को ग्रेजुएट नहीं बताया है।
बालकिशन ने लेवल-1 में खुद के ग्रेजुएट होने की जानकारी दी है, जबकि लेवल-2 में खुद को ग्रेजुएट नहीं बताया है।
REET के दौरान जहां एक ही परिवार के अभ्यर्थियों को दूरदराज परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए थे। वहीं 6 आवेदन करने वाले बालकिशन को एक ही सेंटर जयपुर के लॉ कॉलेज में प्रवेश-पत्र जारी किया गया।
REET के दौरान जहां एक ही परिवार के अभ्यर्थियों को दूरदराज परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए थे। वहीं 6 आवेदन करने वाले बालकिशन को एक ही सेंटर जयपुर के लॉ कॉलेज में प्रवेश-पत्र जारी किया गया।
दरअसल, 34 साल के बालकिशन के इन सभी आवेदन में फोटो और मोबाइल नंबर अलग-अलग और माता-पिता का नाम व उम्र एक बताई ही है। बोर्ड के नियम के अनुसार एक अभ्यर्थी के एक से ज्यादा आवेदन होने पर उन्हें निरस्त कर उसका सिर्फ एक ही आवेदन मान्य होता है।
बालकिशन के मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। बालकिशन को जयपुर के ही लॉ कॉलेज में 6 आवेदन के आधार पर छह प्रवेश पत्र जारी कर दिए। ऐसे में लेवल-1 की परीक्षा भी अब SOG के दायरे में आ गई हैं।
बालकिशन का प्रवेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब SOG की टीम भी इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
बालकिशन का प्रवेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब SOG की टीम भी इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
बालकिशन के सभी छह आवेदन पर एक ही परीक्षा केंद्र मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रदीप पाराशर की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
बालकिशन के सभी छह आवेदन पर एक ही परीक्षा केंद्र मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रदीप पाराशर की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
रीट में कुल 6 आवेदन करने वाले बालकिशन की तस्वीरों में काफी बदलाव है। जबकि माता-पिता समेत मूल जानकारी सभी की एक जैसी है।
रीट में कुल 6 आवेदन करने वाले बालकिशन की तस्वीरों में काफी बदलाव है। जबकि माता-पिता समेत मूल जानकारी सभी की एक जैसी है।
एक ही अभ्यर्थी के 6 आवेदन भरने और पांच निरस्त नहीं होने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
एक ही अभ्यर्थी के 6 आवेदन भरने और पांच निरस्त नहीं होने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
REET के लेवल-1 और लेवल-2 का कोर्स लगभग एक जैसा ही होता है। इस वजह से बड़ी संख्या में तैयारी कर रहे अभ्यर्थी दोनों लेवल की परीक्षा देते हैं। बालकिशन ने भी REET के लेवल-1 में 6 आवेदन करने के बावजूद लेवल-2 में भी आवेदन किया। इसके बाद REET लेवल-1 में बालकिशन के 150 में से 132 नंबर आए हैं। लेवल-2 में बाल किशन 150 में से महज 32 नंबर ही हासिल कर पाया। जिस वजह से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और REET लेवल-1 भर्ती प्रक्रिया पर भी धांधली का आरोप लग रहा हैं।
REET पात्रता प्रमाण- पत्र में लेवल-2 में बालकिशन के महज 32 अंक आए हैं।
REET पात्रता प्रमाण- पत्र में लेवल-2 में बालकिशन के महज 32 अंक आए हैं।
REET पात्रता प्रमाण पत्र में लेवल-1 में बालकिशन के 132 अंक आए हैं।
REET पात्रता प्रमाण पत्र में लेवल-1 में बालकिशन के 132 अंक आए हैं।
प्रवेश-पत्र और पात्रता प्रमाण-पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले पर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऐसे में अब देखना होगा शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और SOG की टीम इस पूरे मामले पर क्या कदम उठाती है।
➤ REET पेपर लीक प्रकरण: 10 से 12 लाख में बाड़मेर में बिका रीट का पेपर, ठेकेदार भजनलाल बना अभ्यर्थियों का गारंटर, 100 से ज्यादा अभ्यर्थी व गिरोह भूमिगत
रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की आंच अब बाड़मेर तक पहुंचने के बाद तेज होने लगी है। एए क्लास ठेकेदार और महिला अभ्यर्थी को पेपर लीक मामले में एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद बाड़मेर के दर्जनों लोगों के नाम सामने आने के बाद एसओजी दबिश दे रही है, लेकिन संदिग्ध भूमिका वाले अभ्यर्थी और पेपर सप्लायर्स भूमिगत हो गए है। बुधवार को भी एसओजी की टीम ने कई लोगों के घर दबिश दी, लेकिन वे गायब मिले। रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार जालोर निवासी भजनलाल विश्नोई के बाद रामकृपाल मीणा ने उदाराम और कई लोगों को पेपर सप्लाई करना सामने आया है।
दो दिन पहले एए क्लास ठेकेदार भजनलाल को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। 20 से 24 सितंबर तक रीट का हल किया हुआ पेपर बाड़मेर पहुंचा था और 10-12 लाख रुपए में बेचा गया। इस दौरान कई अभ्यर्थियों को पेपर मिलने के बाद उनकी रकम देने की गारंटी ली थी। भजनलाल से पेपर हजाणियों की ढाणी धोरीमन्ना निवासी सोहनी देवी तक भी पहुंचा था जिसे भी एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है।
रीट के रिजल्ट से पहले ही कई अभ्यर्थियों ने बांटी थी मिठाइयां
सूत्रों की माने तो रीट परीक्षा का पेपर बाड़मेर में भी 10-20 के ग्रुप में सैकड़ों लोगों तक पहुंचा है। इस पेपर लीक में बाड़मेर के कई लोग शामिल है। इसमें वकील और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग भी है। जब 26 सितंबर 2021 को रीट का पेपर हुआ था, जिन लोगों को पेपर मिला और जब परीक्षा में हूबहू पेपर आया तो इसके बाद घर पहुंचने पर कई अभ्यर्थियों ने मिठाई बांट कर जश्न मनाया था। यहां तक लोग 140 नंबर तक आने की तो गारंटी दे रहे थे। पेपर उपलब्ध करवाने वाले गिरोह के लोगों का गुणगान करते हुए नहीं थक रहे थे। अब एसओजी ने दबिश दी है तो ऐसे लोग भी भूमिगत हो गए, जिन्होंने लाखों में डील करके पेपर लीक किया था।
विधायक का करीबी है भजनलाल,सीएम,मंत्री के साथ फोटो वायरल
बाड़मेर के महावीर नगर निवासी एए क्लास ठेकेदार भजनलाल विश्नोई चौहटन विधायक पदमाराम का करीबी बताया जा रहा है। जब एसओजी ने भजनलाल को महावीर नगर मकान से पकड़ा था। इस दौरान कई विधायकों ने भजनलाल को बचाने के लिए अप्रोच लगाई। इसके बाद पंजाब से एक विधायक रवाना भी हो गए थे। एडीजी अशोक राठौड़ के सख्त निर्देश के बाद एसओजी की टीम उसे लेकर जयपुर रवाना हो गई।
जहां उससे पूछताछ में कई अहम राज खुले हैं। इसके बाद अब उसे गिरफ्तार किया गया है। हजाणियों की ढाणी निवासी महिला अभ्यर्थी सोहनी देवी पत्नी रघुनाथराम को भी एसओजी ने गिरफ्तार किया है। एसओजी को सोहनी देवी के घर तक पहुंचने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद जब सोहनी देवी को पेपर लीक में पकड़ा गया तो उसने बताया कि उसकेे 121 नंबर ही आ रहे हैं। आरोपी भजन लाल विश्नोई के सोशल मीडिया पर सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ फोटो वायरल हो रहे हैं।
इंटरनेट बंद था, परीक्षा से पांच दिन पहले ही दर्जनों डोंगल खरीदे, किराए के मकानों में चला नकल रैकेट
शहर से लेकर गांव तक पहुंचा रीट का पेपर
रीट पेपर लीक मामले में बाड़मेर के गिरफ्तार ठेकेदार भजनलाल विश्नोई व सोहनी देवी से पूछताछ में एसओजी को कई महत्वपूर्ण अहम सुराग मिले है। इसके बाद बाड़मेर के एक वकील मनोज विश्नोई की संदिग्ध भूमिका आ रही है। गिरोह में शामिल लोगों को पहले से ही अंदेशा था कि रीट परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद रहेगा। ऐसे में गैंग ने 5 दिन पहले ही ब्राॅडबैंड डोंगल खरीद लिए थे। इन डोंगल से वाईफाई कनेक्ट करके 8-10 जगह पर पर 10-20 लोगों का ग्रुप बनाकर हल पेपर उपलब्ध करवाकर नकल करवाई।
ठेकेदार भजनलाल का नजदीकी मनोज भूमिगत
सूत्रों के मुताबिक जयपुर एसओजी मुख्यालय पर भजनलाल से पूछताछ के बाद पेपर लीक में बाड़मेर के वकील मनोज विश्नोई पुत्र गंगाराम निवासी महावीर नगर का नाम सामने आया है। इसके बाद बुधवार को एसओजी की टीम ने महावीर नगर आवास पर दबिश दी तो मनोज वहां से गायब मिला। उसकी लोकेशन भी बाड़मेर में नहीं आ रही है। बाड़मेर पुलिस की मदद से एसओजी की टीम आरोपी मनोज की तलाश कर रही है। भजनलाल ने अपने रिश्तेदार और अन्य लोगों को रीट पेपर उपलब्ध करवाने के बाद उनकी रकम उपलब्ध करवाने की गारंटी ली थी। पूछताछ में कई लेनदेन सामने आएंगे। आने वाले दिनों में एसओजी कई बड़े खुलासे कर सकती है।
परीक्षा से एक दिन पहले ही मिल गया पेपर
बाड़मेर में 26 सितंबर को रीट के एग्जाम थे, जबकि इसके एक दिन पहले ही पेपर बाड़मेर के गिरोह के पास पहुंच गया था। उसने पहले ही लोगों की लिस्ट तैयार कर रखी थी। अगल-अलग जगह किराए के कमरे लिए गए, जहां 8-10 लोगों को सामूहिक बिठाया गया। उनकी पहले तलाशी ली, कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान पास नहीं रखने दिया। इसके बाद रात के 10 से 12 बजे तक पेपर की काॅपी अभ्यर्थियों को दी और इसके बाद वापिस ले ली। इसके लिए पहले से ही प्रिंटर, डोंगल और अन्य सेटअप लगा दिया गया था। वाईफाई से कनेक्ट के बाद गिरोह के लोग व्हाट्सएप से ही कॉलिंग और अन्य सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे।
➤ REET परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट: 22 साल पुराने RAS पर्चा आउट मुकदमे में 20 साल बाद तय हुए आरोप, रीट मामले का क्या हाेगा हश्र ?
रीट परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हाेने के मामले में एसओजी ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस बीच यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि इतने गंभीर अपराध करने वालों को कब और क्या सजा मिलेगी, इसके साथ ही कानून कड़े करने की बात भी कही जा रही है। इनके बीच 22 साल पहले आरएएस परीक्षा का पर्चा आउट होने का प्रकरण प्रासंगिक हो गया है क्योंकि इस मामले में न्याय तंत्र और कानून की सुस्त रफ्तार के चलते 20 साल बाद आरोप तय हुए और अब गवाहों के बयान हो रहे हैं।
खास बात यह है कि 22 साल पहले आरएएस परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट होने पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और सार्वजनिक परीक्षा नियंत्रण कानून की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था उन्हीं धाराओं में रीट परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले दर्ज हुआ है। रीट परीक्षा से पहले भी लगातार कई परीक्षाओं में धांधली और पर्चे आउट होने के एक के बाद एक मामले सामने आने के बाद अब सरकार इन पर रोकथाम के लिए नया कानून लाने की बात कर रही है।
यह कानून कब आएगा और रीट परीक्षा प्रश्न पत्र के इस मामले में जांच पूरी होने के बाद उसका क्या लाभ होगा यह समझा जा सकता है। मौजूदा हालात में तो 22 साल पहले आरएएस परीक्षा के प्रश्न पत्र आउट होने व मौजूदा रीट मामले में कोई अंतर नजर नहीं आ रहा है।
प्रकरण में पहली गवाही सितंबर 2019 में हुई, अन्य गवाहों के बयान जारी है
राजस्थान लाेक सेवा आयाेग के बहुचर्चित आरएएस पर्चा आउट प्रकरण में बीस साल बाद गवाही शुरू हुई है। अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई की रफ्तार किस कदर सुस्त रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मामला 1999 में सामने आया था और 2019 में जाकर आराेप तय हुए यानी पूरे बीस साल लगे।
बीस साल बाद गवाहाें में से कितने आ पाएंगे यह कहना मुश्किल है क्याेंकि लंबा समय गुजर गया है। इस बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई फिलहाल अजमेर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन की अदालत में चल रही है। प्रकरण में पहली गवाही सितंबर 2019 में हुई, अन्य गवाहों के बयान जारी है।
यह है मामला
आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने 28 नवंबर 1999 काे पुलिस अधीक्षक काे शिकायत पेश की थी। सिंह का कहना था कि आयाेग की आरएएस प्रारंभिक परीक्षा दाे पारियाें में आयाेजित हाेनी थी। इस दिन सुबह 10 बजे से दाेपहर 12 बजे तक सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान की परीक्षा थी वहीं दूसरी पारी में अपरान्ह दाे से चार बजे के बीच ऐच्छिक विषयाें की परीक्षा हाेनी थी।
2 लाख 18 हजार अभ्यर्थी हाेने की वजह से आरपीएससी ने पहली बार जिला मुख्यालयाें के अलावा कुछ जगह उपखंड स्तर पर भी परीक्षा केंद्र बनाए थे। देवेंद्र सिंह काे सुबह करीब साढ़े नाै बजे सूचना मिली सामान्य ज्ञान का पर्चा लीक हुआ है, सूचनाकर्ता से जब आरपीएससी जब काॅपी मंगवाकर मूल परीक्षा पर्चे से मिलान किया ताे हूबहू मिल रहा था।
इसके बाद आरपीएससी ने माना कि पर्चा लीक हाे गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की और 9 दिसंबर 1999 काे चंद्रशेखर पुत्र दिनेश चाैहान काे गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ के आधार पर प्रताप सिंह मीणा, अनिल मीणा, नाथूलाल, राजेंद्र सिंह आदि काे गिरफ्तार किया गया था। प्रकरण में कुल नाै मुल्जिमाेें के खिलाफ मुकदमा चल रहा है।
यूं खुला था पर्चा आउट हाेने का राज
सबसे पहले आराेपी चंद्रशेखर पकड़ा गया ताे उसने बताया कि उसके दाेस्त अनिल मीणा ने उसे पर्चा लाकर दिया था और बताया था कि यह आरएएस की परीक्षा का पर्चा है जाे हाेने वाली है। दाेनाें ने इसकी फाेटाे काॅपी करवाई और पर्चा वापस अनिल ले गया। चंद्रशेखर ने फाेटाे काॅपी से दाे और काॅपी करवाई और एक धीरेंद्र सिंह उर्फ धीरू और दूसरी अपनी बहन शिल्पी काे दे दी। अनिल मीणा काे गिरफ्तार किया गया ताे उसने बताया कि उसका जीजा प्रताप सिंह मीणा आरपीएससी में बाबू है। परीक्षा से पहले प्रताप प्रश्न पत्र उसकी मां काे देकर गया था और उसने रखते देख लिया था।
प्रताप सिंह काे गिरफ्तार किया गया ताे उसने बताया कि दिल्ली में रेलवे में नाैकरी करने वाले नाथूलाल मीणा ने उसे पर्चा लाकर दिया था और हल करने काे कहा था। नाथूलाल मीणा पकड़ा गया ताे उसने बताया कि प्रिटिंग प्रैस में उसका आना जाना है और वहां के कर्मचारी राजेंद्र सिंह से उसने आरएएस का पर्चा लिया था। राजेंद्र सिंह ने प्रैस से पर्चा चुराकर नाथूलाल मीणा काे दिया था।
➤ REET 2021: बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जारोली को नई गाड़ी और सचिव सेंगवा को नया बंगला रास नहीं आया
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा(रीट) 2021 के मुख्य समन्वयक और समन्वयक ने बोर्ड की राशि को भी अनाप शनाप तरीके से खर्च करना शुरू कर दिया था। बर्खास्त अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने रीट 2022 के आयोजन को देखते हुए कुछ समय पूर्व ही बोर्ड खर्च पर करीब 25 लाख रुपए की नई गाड़ी खरीदी थी। इसके साथ ही बोर्ड के निलंबित सचिव अरविंद कुमार सेंगवा ने भी सचिव के सरकारी आवास का करीब 5 लाख रुपए खर्च कर रिनोवेशन कराया था। अब बोर्ड में चर्चा है कि दोनों ही अधिकारियों को गाड़ी और बंगला रास नहीं आए और एक महीने के भीतर ही दोनों को ही रीट 2021 पेपर लीक प्रकरण में अपने पदों से हाथ धोना पड़ा है।
बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जारोली ने कुछ समय पूर्व ही बोर्ड खाते से नई गाड़ी निकलवाई थी। इस गाड़ी की सवारी वे एक महीने भी नहीं कर पाए। करीब 25 लाख रुपए की यह गाड़ी अब बोर्ड अध्यक्ष के सरकारी आवास में ही खड़ी है। आखिरी बार बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जारोली सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास से इसी गाड़ी में बैठ कर 29 जनवरी 2022 को जयपुर रवाना हुए थे। उसी दिन रात को उन्हें बर्खास्त करने का फैसला सरकार ने कर दिया था। तब से ही यह गाड़ी अब सरकारी आवास की जीनत बनी हुई है।
5 लाख रुपए खर्च कर कराया था रिनोवेशन
बोर्ड अध्यक्ष के आवास के पास ही बोर्ड सचिव का निवास भी है। पिछले कई सालों से सचिव का सरकारी आवास खाली पड़ा था। इसमें कोई सचिव नहीं रुका। रीट में आवाजाही को देखते हुए निलंबित सचिव अरविंद सेंगवा ने सचिव के सरकारी आवास में ही रहने का मानस बनाया। इस आवास को सही कराने के लिए बोर्ड का करीब 5 लाख रुपए खर्चा करा कर रिनोवेशन कराया गया था।
बंगला तैयार होने पर सेंगवा करीब एक महीने पूर्व ही यहां शिफ्ट हुए थे। बोर्ड में यह भी चर्चा है कि निलंबित सचिव सेंगवा को यह आवास रास नहीं आया और करीब एक महीने में ही उन्हें रीट पेपर लीक प्रकरण 2021 में निलंबन का सामना करना पड़ गया। पहला सचिव है जिसे रीट को लेकर निलंबित किया गया है। निलंबित सेंगवा का कार्मिक विभाग मुख्यालय जयपुर कर दिया गया है। ऐसे में यह सरकारी आवास भी अब उनके पास नहीं रहा। एक फिर यह सरकारी आवास खाली हो गया है। चर्चा यह भी है कि लगता है बोर्ड का जो पैसा इस आवास के रिनोवेशन में लगा है वो बेकार ही जाएगा।
➤ रीट परीक्षा पेपर लीक मामला: SOG की टीम जालोर में कई जगह दबिश देकर कर रही आरोपियों की तलाश..!!
प्रदेश में रीट की परीक्षा का पेपर लीक के मामले में जालोर के निवासी सेकंड ग्रेड शिक्षक उदाराम और भजनलाल की गिरफ़्तारी के साथ ही जालोर का सीधा कनेक्शन सामने आया था. इसी को लेकर अब SOG की टीम पीछले दो दिनों से जिले में डेरा डालने के साथ ही कई संदिग्धों की तलाश में लगातार कई जगह दबीचे दी जा रही हैं.
SOG से मिले इनपुट पर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देश पर जिले में कई पुलिस टीमें भी लगातार रीट परीक्षा पेपर के लीक मामले से जुड़े संदिग्धों की तलाश को लेकर सांचौर, भीनमाल सहित कई पुलिस की टीमें लगातार कई जगह अभी तक दबीचे दे चुकी हैं. वहीं लगातार संदिग्धों की तलाश कर रही हैं. रीट परीक्षा पेपर के लीक मामले का आरोपी उदाराम विश्नोई चितलवाना थाना क्षेत्र के रणोदर गांव का निवासी हैं वहीं आरोपी भजनलाल भी इसका पड़ोसी के साथ ही दोस्त हैं ।
दो तस्करों को भी संदिग्ध मानते हुये SOG तलाश कर रही:
पेपर लीक के मामले में ग्रामसेवक, सरकारी शिक्षक सहित कई संदिग्ध SOG की लगातार रेडार पर हैं. भीनमाल के एक ग्रामसेवक को भी SOG ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं. वहीं पेपर लीक मामले में दो तस्करों को भी संदिग्ध मानते हुये SOG दोनों तस्करों की भी तलाश कर रही हैं.
बाड़मेर ज़िले के भी कई संदिग्ध SOG की रेडार पर:
वहीं बाड़मेर ज़िले के भी कई संदिग्ध SOG की रेडार पर हैं. SOG ने बाड़मेर के एक ठेकेदार को भी बुलाकर पूछताछ की. आरोपी उदाराम व भजनलाल की गिरफ़्तारी के बाद SOG को कई महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल हुई हैं. वहीं ज़िले के कई संदिग्ध अभ्यर्थियों पर भी SOG शिकंजा कस सकती हैं !
➤ पायलट बोले- REET में बड़े पदों तक सख्त सजा मिले: कहा- गड़बड़ी की जांच कोई करे, लेकिन ऐसा न हो कि मुद्दा सुर्खियों से हट जाए तो कार्रवाई न हो
REET के फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों के खिलाफ पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। CBI जांच की मांग के सवाल पर पायलट ने कहा कि जांच कोई भी हो, लेकिन जल्द हो। जांच होने के बाद ऐसा न हो कि जब यह मुद्दा सुर्खियों से हट जाए। इस पर कार्रवाई न हो। इसलिए जांच के बाद कार्रवाई होनी बहुत जरूरी है। जांच पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए। दोषी कितने भी बड़े पद पर हो, कितना भी प्रभावशाली हो, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। पायलट अपने आवास पर मंगलवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
पायलट ने कहा- मत भूलिए यह नौजवानों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। इसमें कोई राजनीति न हो। देश और प्रदेश की धरोहर किसान और नौजवान हैं। उनके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाए।
दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं
पायलट ने कहा- युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को कदम उठाने चाहिए। जांच पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से होनी चाहिए। अगर कोई भी दोषी पाया जाए चाहे वह कितने भी बड़े पद पर हो, चाहे कितना भी प्रभावशाली हो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। यह तो सरकार को करना ही है। लाखों परिवारों को सीधा प्रभावित किया है, बहुत को निराशा भी हो रही होगी। भविष्य पर सवाल उठे होंगे। जिम्मेदारी सबकी है। हम किसी नौजवान को अकेले ना छोड़ें।
REET में पद बढ़ाने को CM को लिखा था
पायलट ने कहा- REET में पदों को बढ़ाने के लिए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। यह बात साफ है कि यह बहुत बड़ा मुद्दा है। गंभीर मुद्दा है। बेरोजगार नौजवान सबसे जुड़ा हुआ मुद्दा है। यह परीक्षा मध्यम और ग्रामीण परिवेश के लोग देते हैं। 26 लाख लोगों ने परीक्षा दी थी तो कम से कम इतने परिवार सीधे जुड़े हुए हैं। सवा करोड़ लोग सीधे प्रभावित हो रहे हैं। अब जब गड़बड़ी सामने आई है, तो सरकार ने बर्खास्तगी भी की है। कड़े कदम भी उठाए हैं। जांच का भी आदेश दिया है और कमेटी बनी है, जो 45 दिन में राय देगी कि भविष्य में ऐसी घटना ना हो। सदन में कानून बनाने का प्रस्ताव सरकार की ओर से आ गया है।
राजीव गांधी स्टडी सर्किल की भी जांच हो
REET के पेपर लीक मामले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोगों की जांच के सवाल पर पायलट ने कहा- इसकी भी जांच होनी चाहिए। कई आरोप लग रहे हैं। हर तरफ से लोग सवाल उठा रहे हैं तो जांच तो करनी ही होगी। कोई कितना भी बड़ा हो, अगर उसकी मिलीभगत है तो जांच होगी।
➤ REET Exam 2021: भारी गड़बड़, एक अभ्यर्थी ने भरे 6 आवेदन, सभी पर आए परमिशन लेटर
रीट लेवल-2 में अब तक हुई जांच के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं, लेकिन रीट लेवल-1 की जांच की मांग भी लगातार बेरोजगारों द्वारा उठाई जा रही है ।
रीट लेवल-2 में अब तक हुई जांच के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं, लेकिन रीट लेवल-1 की जांच की मांग भी लगातार बेरोजगारों द्वारा उठाई जा रही है. इसी मांग के बीच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करने वाले कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें एक ही अभ्यर्थी द्वारा आधा दर्जन से ज्यादा आवेदन करने के बाद सभी आवेदनों पर प्रवेश पत्र जारी किया गया और सभी का परीक्षा केन्द्र भी जयपुर में एक ही लॉ कॉलेज में दिया गया ।
ऐसे में रीट लेवल-2 के साथ ही रीट लेवल-1 भी बोर्ड द्वारा की गई कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े करता है अभ्यर्थी द्वारा जो आवेदन किए गए हैं उन सभी आवेदन में फोटो अलग-अलग साथ ही सभी आवेदन में करीब-करीब अलग अलग मोबाइल नम्बर को छोड़ सभी जानकारी समान होने के बाद भी बोर्ड द्वारा 6 में से एक भी आवेदन को रद्द नहीं किया गया इसके साथ ही सभी आवेदन पत्रों पर प्रवेश पत्र भी जारी कर दिया गया ज़ी राजस्थान की ओर से किसी अभ्यर्थी की योग्यता पर सवाल खड़े ना करते हुए बोर्ड द्वारा सभी आवेदन पत्रों पर जारी प्रवेश पत्र करना सवालों के घेरों में खड़ा करता है.
क्या रीट लेवल-1 की परीक्षा में भी हुई गड़बड़?
क्या वाकई मुन्नाभाई सक्रिय थे इस परीक्षा में?
एक अभ्यर्थी ने भरे छह आवेदन, सभी पर आए परमिशन लैटर
नाम-योग्यता एक, लेकिन फोटो में गड़बड़ी की आशंका
जोधपुर के एक अभ्यर्थी के छह आवेदन का एक ही परीक्षा केन्द्र
आखिर छह आवेदन भरने के बाद पांच क्यों नहीं हुए खारिज?
नियमानुसार केवल अन्तिम आवेदन पर आना था परमिशन लैटर ,सभी छह आवेदन पर जारी हुए परमिशन लैटर
जयपुर में लॉ कॉलेज में आया सभी छह फॉर्म पर सेन्टर
क्या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में थी मिलीभगत?
जब भाई-बहन के सेन्टर एक जगह नहीं आए तो एक अभ्यर्थी के क्यों?
क्या रोल नम्बर या वर्णमाला के क्रम में दिए सेन्टर?
सभी छह आवेदन पर एक जगह परीक्षा केन्द्र आना चमत्कार
क्या इस चमत्कार में बोर्ड के किसी चमत्कारी का योगदान?
कई फॉर्म में अलग-अलग फोन नम्बर भी दिये गए
क्या जांच ऐजेन्सियां देंगी इस पर भी ध्यान?
हालांकि रीट लेवल-1 में धांधली से किया जा रहा इनकार
लेकिन क्या जांच से भी परहेज करेंगी ऐजेन्सियां?
अभ्यर्थी ने रीट लेवल-1 में नहीं दी स्नातक की जानकारी
जबकी रीट लेवल-2 में दी है स्नातक योग्यता की जानकारी ।
अभ्यर्थी का रीट लेवल-1 में हुआ चयन, लेवल-2 में खारिज
लेवल-1 में 150 में से 132 नम्बर, जबकि लेवल-2 में केवल 32 नम्बर.
क्या दो पेपर में इतना अन्तर माना जाए सामान्य?
क्या 32 बनाम 132 का अन्तर महज एक इत्तेफ़ाक?
➤ कटारिया बोले-REET स्कैंडल का छींटा CM पर आ रहा है: राजीव गांधी स्टडी सर्किल में गहलोत चेयरमैन,मंत्री गर्ग नेशनल कॉर्डिनेटर,CBI से तुरंत कराएं जांच
रीट भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और धांधली को लेकर अब राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ बीजेपी नेता गुलाबचन्द कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मंत्री डॉ सुभाष गर्ग को घेरे में ले लिया है। गुलाबचन्द कटारिया ने आरोप लगाया है कि पूरे प्रदेश में रीट परीक्षा के पेपर की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एडीएम और पुलिस को वहां की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन केवल जयपुर जिले और शिक्षा संकुल की व्यवस्था की जिम्मेदारी बोर्ड अध्यक्ष धर्मपाल जारौली और सरकार की मिलीजुली योजना के अनुसार जिन लोगों ने दी, वह सारे लोग कांग्रेस विचारधारा के एक शिक्षक संगठन- राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े पदाधिकारी हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत राजीव गांधी स्टडी सर्किल के ऑल इंडिया चेयरमैन हैं। संस्था के नेशनल कॉर्डिनेटर मंत्री डॉ सुभाष गर्ग हैं। जिन्होंने 19 फरवरी 2021 को जारी कॉर्डिनेटर की सूची में से 3 लोगों को पेपरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी। इनमें प्रदीप पाराशर, ध्यानचन्द गोठवाल और सुभाष यादव है। चौथा प्राइवेट आदमी रामकृपाल मीणा है। जिसका खुदका कॉलेज है।
पूरा स्कैंडल पॉलिटिकली हुआ,मुख्यमंत्री पर छींटा आ रहा है
कटारिया ने आरोप लगाया कि रीट पेपर चोरी में सभी के शामिल होने और करोड़ों रुपए में बेचने का षड़यंत्र हुआ है। ये संस्था के जिम्मेदार लोग हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री ने नियुक्त किया था। ये पूरा स्कैंडल पॉलिटिकली हुआ है। जैसा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष रहे धर्मपाल जारौली ने आरोप लगाया है कि पेपर आउट में राजनीतिक संरक्षण है। राज्य का मुखिया जिस संगठन का मुखिया हो,अगर उसी के नॉमिनेटेड सदस्य स्कैंडल में शामिल हैं। तो इसका मतलब है कि अब ये स्कैंडल यहां की पुलिस के हाथों से बाहर जा रहा है।
कटारिया ने कहा कि राजस्थान में अध्यापकों की भर्ती के लिए रीट परीक्षा में लाखों बच्चों ने परीक्षा दी है। उनके भविष्य का सवाल है। इसलिए केस को तुरंत सीबीआई को देकर इसकी जांच टाइम बाउंड करवाने की कोशिश की जाए। तभी जाकर राजस्थान के मुख्यमंत्री के ऊपर भी जो छींटा आ रहा है, उसके बारे में सच्चाई राजस्थान की जनता जान सकेगी।
➤ REET के बाद अब पटवारी भर्ती पर सवाल: आधा दर्जन प्रश्नों के उत्तर सही, बोर्ड ने गलत माना; एक्सपर्ट बोले- रिजल्ट में मेरिट बताई न कैटेगरी
REET के बाद अब पटवारी भर्ती में भी सवाल उठने लगे हैं। बिना कैटेगरी वाइज मेरिट लिस्ट निकाले ही रिजल्ट जारी कर दिया गया। एक्सपर्ट ने दावा किया है कि आधा दर्जन प्रश्नों के उत्तर सही होने के बाद भी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने उन्हें गलत माना।
राजस्थान हाईकोर्ट में सर्विस मैटर केस के एक्सपर्ट एडवोकेट रामप्रताप सैनी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि पटवारी परीक्षा और परिणाम में बड़े स्तर पर धांधली हुई है। इससे 10 लाख से ज्यादा कैंडिडेट के भविष्य पर संकट आ गया है। लगभग आधा दर्जन प्रश्नों के उत्तर अभ्यर्थियों के सही हैं,जबकि बोर्ड ने उन्हें गलत माना है। परीक्षा में मेरिट नहीं निकाली गई। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में धांधली हुई है। इसमें किसी तरह की पारदर्शिता नहीं अपनाई गई। कुछ विशेष बैच के अभ्यर्थियों का सिलेक्शन ज्यादा किया गया है।
एक ही सेंटर से कई कैंडिडेट पास
48 पेज के परिणाम में कई कैंडिडेट बिना ज्यादा गैप के एक ही सेंटर से लगातार पास दिखाए गए हैं। यह नहीं बताया कि रिजल्ट में कैंडिडेट के मार्क्स, कैटेगिरी, नाम और उस कैंडिडेट का एग्जाम कौनसी तारीख और पारी में हुआ। SC, ST, जनरल, OBC, EWS, एक्स सर्विसमैन, दिव्यांग समेत अलग-अलग कैटेगरी और उनका मेरिट बेस्ड रिजल्ट जारी नहीं किया गया। केवल रोल नम्बर ही जारी किए गए हैं। जबकि बोर्ड का दायित्व बनता है कि सिलेक्शन प्रोसेस पारदर्शी होना चाहिए। अब कई कैंडिडेट हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
OMR में खेल कर बैक डोर एंट्री
पिछले 13 दिन से आमरण अनशन कर रहे शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ ने पटवारी परीक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ युवाओं ने उन्हें बताया है कि पिछली बार की पटवारी भर्ती परीक्षा से अबकी बार डबल वैकेंसी होने के कारण इस बार कट ऑफ कम जानी चाहिए थी, लेकिन कट ऑफ 30-40 नम्बर ज्यादा गई। जिससे लगता है कि इस बार बैक डोर एंट्री के लिए OMR शीट में खेल कर सिलेक्शन सिस्टम में लोगों को घुसाया जा रहा है। विकास जाखड़ ने कहा कि अब अति हो गई है। जनता पीछ़ा छोड़ने वाली नहीं है।
चौथी शिफ्ट कैंडिडेट का रिजल्ट 13 फीसदी रखने का आरोप
पूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष कैलाश सुरा ने आरोप लगाया है कि परीक्षा में चौथी शिफ्ट के अभ्यर्थियों का परिणाम न केवल 13 फीसदी ही रखा,बल्कि उनके मार्क्स भी कम कर दिए। सभी शिफ्ट के कैंडिडेट के मार्क्स बराबर लेवल पर करने चाहिए। इसके अलावा जो पोस्ट पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित हैं, उन्हें दूसरे कैटेगरी के कैंडिडेट से भरने की आशंका है। क्योंकि कैटेगरी वाइज रिजल्ट जारी नहीं किया गया। रिजल्ट में भी पारदर्शिता की कमी है। सीएम और कर्मचारी चयन बोर्ड के नाम ज्ञापन दिया गया है।
पूर्व सैनिक लीग की ओर से आरोप लगाया गया कि जो पोस्ट पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित हैं, उन्हें दूसरे कैटेगरी के कैंडिडेट से भरने की साजिश है।
पूर्व सैनिक लीग की ओर से आरोप लगाया गया कि जो पोस्ट पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित हैं, उन्हें दूसरे कैटेगरी के कैंडिडेट से भरने की साजिश है।
अंडरवियर में ब्लूटूथ डिवाइस और कान में ईयरपीस लगाकर परीक्षा देते गिफ्तार
31 जगह पकड़े गए थे नकलची
पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान प्रदेश में 31 जगह नकलची, नकल कराने वाले गिरोह के सदस्य और डमी कैंडिडेट पकड़े गए थे। 23 और 24 अक्टूबर को हुई परीक्षा में बहुत ज्यादा चीटिंग के मामले सामने आए थे। जयपुर की आदर्श नगर थाना पुलिस ने आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करते हुए 1 डमी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपी के पास अंडरवियर में छुपाई हुई ब्लूटूथ डिवाइस और कान में इयर पीस बरामद किया था। जयपुर की सोडाला पुलिस ने जालोर की एक चर्चित गैंग के 2 सदस्यों को भी डमी कैंडिडेट बनकर आने पर परीक्षा सेंटर पर गिरफ्तार किया। जयपुर में ही सरकारी एलडीसी सुनील गोदारा को अपने दोस्त की जगह पर डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा देते गिरफ्तार किया गया था।
भरतपुर में परीक्षा देने आए 10 डमी कैंडिडेट और नकल गिरोह के सदस्य गिरफ्तार हुए थे। इनका अलवर में सेंटर आया हुआ था। फोन लोकेशन के आधार पर इन्हें नगर से पकड़ा गया था। ये एक दिन पहले भरतपुर से आगरा गए थे। फिर वापस लौट आए थे। इनसे पेपर और नकल की सामग्री बरामद की गई थी ।बीकानेर में नकल गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार हुए थे। बारां में 2 डमी कैंडिडेट पकड़े गए थे। एक आरोपी के 4 साथियों को भी पकड़ा गया था। दौसा निवासी चेतन मीणा का सेंटर अपेक्स स्कूल में आया था। उसकी जगह पटना निवासी रोशन कुमार पेपर देने पहुंचा था। उसकी फोटो मैच नहीं हुई, तो रोशन को पूछताछ में पकड़ लिया था। इसके अलावा
➤ CM बोले- REET रद्द करने में दो मिनट लगते हैं: हर गलती कीमत मांगती है, जिसने गलती की, उसे कीमत चुकानी पड़ेगी
रीट पेपर लीक मामले में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली की बर्खास्तगी और दो एसोसिएट प्रोफेसर्स के सस्पेंशन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई और आरोपियों पर कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। गहलोत ने कहा कि इसमें कोई व्यक्ति विशेष की बात नहीं है। आपराधिक लापरवाही भी कार्रवाई का बहुत बड़ा कारण होता है।
गहलोत ने कहा कि हर गलती कीमत मांगती है। 20 साल पहले मैं मुख्यमंत्री बना तो मेरे इस सेंटेंस को एक मैग्जीन ने कोट भी किया था। हर व्यक्ति की जिंदगी में हर गलती हर क्षेत्र में कीमत मांगती है, इसलिए जिसने गलती की उसे कीमत चुकानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पेपर लीक मामले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
गहलोत ने कहा हर राज्य के अंदर ऐसी गैंग बन चुकी है। बिहार, यूपी के अलावा मध्यप्रदेश में भी व्यापमं घोटाले की गैंग बनी। ये गैंग देश में बेरोजगारी के कारण बन रही है। आज लोग नौकरी के लिए तरस रहे हैं। इसमें भयंकर करप्शन हो रहा है। राजस्थान सरकार ने भनक लगते ही एक्शन लेकर एसओजी को जिम्मेदारी सौंपी। जिसने बहुत कम समय में वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।
नेता प्रतिपक्ष ने एसओजी की जांच की तारीफ की थी
गहलोत ने कहा कि कल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी एसओजी की जांच की तारीफ की थी। मैं समझता हूं कि थोड़ा इंतजार करना चाहिए। हमने एक्शन लेकर कई लोगों को बर्खास्त और सस्पेंड किया है। कुछ और लोगों के नाम आए और उनसे पूछताछ हुई है। धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ेगी। जब कन्फर्म होगा कि उन लोगों के कारण ही सब कुछ हुआ है, तो उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
आगामी विधानसभा सत्र में बिल लेकर आएंगे
बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौल के अलावा बोर्ड सचिव आरएएस अरविंद कुमार सेंगवा, सहायक निदेशक एचआरडी और गणित के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुभाष यादव और प्रशासन शाखा में लगे केमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बीएस बैरवा को सरकार ने निलंबित किया है।
गहलोत ने कहा प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट पूर्व जज की कमेटी बनाई गई है, ताकि भविष्य में ऐसी नौबत न आए। सरकार अगले विधानसभा सत्र में नकल और पेपर लीक मामलों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान करने के लिए बिल लेकर आ रही है। जिससे किसी की ऐसी हरकतें करने की हिम्मत नहीं हो।
CBI जांच, दोबारा परीक्षा कराने के फैसले में 2 मिनट लगता है
गहलोत ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि यह लाखों बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है, इसलिए वह ऐसा सुझाव दे जिससे भविष्य में ऐसी नौबत न आए। केवल आलोचना करना, सीबीआई जांच मांग करना, दोबारा परीक्षा कराने की बात कहना तो बहुत आसान है। इसका फैसला करने में भी 2 मिनट लगता है, लेकिन उसका रिजल्ट क्या होगा, एग्जाम खिसक जाएंगे तो वापस कब शुरू होंगे। बाकी भर्तियां भी रुक जाएंगी। प्रदेश सरकार ने 1 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दे दी हैं। 90 हजार से ज्यादा की नौकरियों का प्रोसेस चल रहा है। क्या उन भर्तियों को रोक दिया जाए?
25 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर है
गहलोत ने कहा कि REET परीक्षा में 25 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। 15-16 लाख बच्चों ने एक्जाम दिया है, उन पर क्या बीत रही होगी। कुछ केन्द्रीय मंत्री, राज्य में बड़े पदों पर बैठे बीजेपी नेता बिना विचार कुछ भी बोल जाते हैं, जिससे बच्चे डिमोरलाइज और कन्फ्यूज होते हैं।
गहलोत ने पेपर लीक और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बेरोजगारी को बताया। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वह ऐसे हालात बनाना चाहते हैं, जिससे आगे की भर्तियां इस बहाने रुक जाएं। उन्होंने कहा बीजेपी राज में भी पेपर आउट हुए थे। कांग्रेस ने आंदोलन भी किए,लेकिन तब क्या कार्रवाई हुई, जबकि कांग्रेस सरकार ने गम्भीरता से जांच शुरू की और आरोपी पकड़े गए हैं।
➤ प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कमेटी: रिटायर्ड हाईकोर्ट जज वीके व्यास अध्यक्ष,पूर्व RPSC चेयरमैन महेन्द्र कुमावत सदस्य, प्रिंसिपल सेक्रेट्री DOP सदस्य सचिव रिटायर्ड हाईकोर्ट जज विजय कुमार व्यास और आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन महेन्द्र कुमावत।
रीट पेपर लीक का मामले में किरकिरी होने के बाद प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं को बिना रुकावट पूरा करवाने के मकसद से हाई लेवल कमेटी गठित की है। राजस्थान हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विजय कुमार व्यास की अध्यक्षता में बनाई गई यह कमेटी पूरी परीक्षा प्रक्रिया की स्टडी कर सरकार को सुझाव देगी। कमेटी में पूर्व आईपीएस अधिकारी और आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन महेन्द्र कुमावत सदस्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य सचिव होंगे। यह कमेटी अलग-अलग पॉइंट्स पर स्टडी कर 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात हुई हाईलेवल मीटिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं में पूरी गोपनीयता, नकल, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के सुझाव देने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे।
पेपर की सुरक्षा और सीक्रेसी पर सुझाव देगी कमेटी
हाईलेवल कमेटी अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न बैंक बनाने, प्रश्न पत्र तैयार करने, प्रिटिंग प्रोसेस के दौरान हाई लेवल सिक्योरिटी और सीक्रेसी सुनिश्चित करने, प्रिंटिंग के बाद परीक्षा मुख्यालय तक प्रश्न पत्रों के पहुंचने, पेपर स्टोरेज सेंटर, एक्जामिनेशन सेंटर और उसके बाद की सुरक्षा और सीक्रेसी पर सुझाव देगी। साथ ही कमेटी एग्जामिनेशन सेंटर बनाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एग्जाम के दौरान सेंटर की सुरक्षा और गोपनीयता के नॉर्म्स और उपायों के संबंध में अपने सुझाव देगी।
एग्जाम सेंटर अलॉ़टमेंट, ऑबजर्वर के रोल-ड्यूटी पर सुझाव देगी कमेटी
कैंडिडेट्स को एग्जामिनेशन सेंटर के अलॉटमेंट का ऑब्जेक्टिव और ट्रांसपरेंट प्रोसेस, परीक्षा के लिए जिला कॉर्डिनेटर, एग्जाम सेंटर सुप्रीटेंडेंट, ऑबजर्वर का रोल और ड्यूटी तय करने, किसी तरह की कोताही बरतने पर डिसिप्लीनरी एक्शन के संबंध में भी कमेटी सुझाव देगी। इसके अलावा कमेटी परीक्षा खत्म होने के बाद आंसर शीट्स का सीक्रेट तरीके से कमीशन या बोर्ड तक ट्रांसपोर्टेशन करने, आंसर शीट्स की जांच और रिजल्ट जारी होने तक पूरी सिक्योरिटी, सीक्रेसी और ट्रांसपरेंसी के बारे में सुझाव देगी।
➤ राजस्थान में नकल-पेपर लीक की 6 से ज्यादा गैंग एक्टिव: स्ट्रॉन्ग रूम से एग्जाम सेंटर तक फैला इनका नेक्सस, पेपर आउट करा रहे
रीट पेपर लीक मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एसओजी की जांच में शिक्षा संकुल से पेपर लीक होने की बात सामने आई है। सरकार ने आनन-फानन में बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया है। भर्ती परीक्षा में धांधली का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि पेपर में गड़बड़ी तो राजस्थान में कुप्रथा बन गई है।
राजस्थान में अब तक तक 6 भर्ती परीक्षा रद्द की जा चुकी हैं और 8 से ज्यादा एग्जाम में नकल करने वालों को पकड़ा जा चुका है। राजस्थान में 6 से ज्यादा नकल गैंग सक्रिय हैं, पेपर आउट से लेकर डमी कैंडिडेट से परीक्षा दिलाने का काम करते हैं।
राजस्थान में 2002 में नकल की एंट्री
2002 में राजस्थान में नकल और पेपर लीक की शुरुआत हुई। 2002 पुलिस ने जगदीश विश्नोई को पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपी मानते हुए उसकी तलाश शुरू की। कई सालों तक जगदीश पकड़ में नहीं आया। जगदीश पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। इसके बाद पेपर लीक मामले में जगदीश को अब तक तीन बार गिरफ्ततार किया जा चुका है। जगदीश 2007 में सरकारी टीचर बना था, जो 2010 से निलंबित चल रहा है।
पुलिस जांच के बाद यह परीक्षा रद्द हुई
एटीएस और एसओजी की कार्रवाई पर छह भर्ती परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है, जबकि कई भर्ती परीक्षाओं की जांच अब भी जारी है। इनमें सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2010, पीटीआई भर्ती परीक्षा 2011, शिक्षक भर्ती परीक्षा – 2013, राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2013, एलडीसी परीक्षा- 2013, खान विभाग में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2014 शामिल हैं।
इनमें भी रहा विवाद
बिजली बोर्ड: परीक्षा सेंटर के पास स्थित मॉल से ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई जा रही थी। 10 से ज्यादा आरोपी हरियाणा से गिरफ्तार हुए।
कांस्टेबल भर्ती: दस साल में 2 बार इस परीक्षा में नकल का सामने आ चुका है। एक बार पेपर आउट हुआ, दूसरी बार हाईटेक तरीके से नकल कराई गई।
…और सरकार नाकाम
नकल रोकने और पेपर लीक रोकने के लिए सरकार ने बार-बार हर परीक्षा में इंटरनेट बंद किया। राजस्थान का नाम जम्मू-कश्मीर की तरह सबसे ज्यादा इंटरनेट बंदी करने वाले प्रदेशों में शामिल हुआ। सरकार की कोशिशों के बावजूद न पेपर लीक पर रोक लग सकी,न ही परीक्षाओं में नकल पर रोक लग सकी। पेपर लीक केस में कई जगह सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी पाई गई। खास बात यह रही कि इस बार VDO एग्जाम में सिर्फ सिरोही में नेटबंदी की गई थी, लेकिन वहां ही पेपर लीक हुआ।
राजस्थान में यह गैंग एक्टिव
अमृतलाल मीणा नकल और फर्जी परीक्षा गैंग का सबसे बड़ा नाम है। प्रदेश में अमृतलाल मीणा गैंग के नाम से मशहूर है। रामकृपाल मीणा अमृत लाल गैंग का ही सदस्य बताया जा रहा है। उदाराम विश्नोई जोधपुर क्षेत्र में एक्टिव है। वर्तमान में उदाराम लेक्चरर है। जगदीश विश्नोई पिछले 20 साल से एक्टिव है। वह अब तक 10 से ज्यादा बड़ी परीक्षा में नक़ल करा चुका है। भजनलाल विश्नोई 5 साल से सक्रिय है। बताया जा रहा है कि बिहार से एक फर्जी कैंडिडेट की गैंग भी सक्रिय है, जो फर्जी अभ्यर्थी बिठाने का काम कर रही है।
➤ बोर्ड अध्यक्ष को बर्खास्त करने के बाद बोले गहलोत:नकल रोकने बजट सत्र में बिल लाएगी सरकार, गड़बड़ी करने वाले हर व्यक्ति पर कार्रवाई होगी
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली को बर्खास्त करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि संगठित तरीके से पेपर लीक, नकल, ठगी में शामिल गिरोह चिंता का विषय है। इनकी जांच कर तह तक जाना जरूरी है। राज्य सरकार बजट सत्र में नकल, पेपर लीक आदि के संबंध में कठोर प्रावधानों का बिल लेकर आ रही है। हम युवाओं के हितों के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। भविष्य में भर्ती परीक्षाएं बिना बाधा हो इसके सुझाव देने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाई जा रही है। अब जल्द ही जारौली की गिरफ्तारी हो सकती है।